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12 वी पंचवार्षिक योजनेत काय आहे?
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12वीं पंचवर्षीय योजना (इसका काल 2012 से 2017 तक होगा) का विशेष जोर स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण अवसंरचना, सिंचाई और जल संसाधनों पर होगा और इसमें 9.0 से 9.5 फीसदी महत्वाकांक्षी आर्थिक वृद्धि दर का लक्ष्य रखा जाएगा। योजना आयोग इस संबंध में एक दृष्टिपत्र तैयार कर रहा है, जिसका मुख्य स्लोगन समावेशी विकास होगा। इस योजना में शत-प्रतिशत प्रौढ़ साक्षरता के लक्ष्य के साथ स्वास्थ्य पर खर्च को, सकल घरेलू उत्पाद के 1.3 फीसदी से बढ़ाकर कम से कम 2.0 फीसदी से 2.5 फीसदी करने का प्रस्ताव है। इस संबंध में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का कहना है कि 12वीं पंचवर्षीय योजना का उद्देश्य अधिक तीव्रगामी, समावेशी और सतत विकास होना चाहिए।
इस योजना का एक अन्य महत्वाकांक्षी लक्ष्य देश के विनिर्माण क्षेत्र का विकास करके देश में रोजगार का अधिक से अधिक सृजन करना है जिससे कि देश की वैल्यू चेन ज्यादा से ज्यादा ऊपर जा सके।
12वीं पंचवर्षीय योजना:
मुख्य बिंदु
– 12वींपंचवर्षीय योजना के दौरान देश में 9.0-9.5 फीसदी आर्थिक वृद्धि दर का लक्ष्य रखा जाएगा।
– 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान 9.0 फीसदी आर्थिक वृद्धि दर का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन वास्तविक वृद्धि दर 8.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है।
– 100 फीसदी साक्षरता दर हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य।
– 12वींयोजना मुख्य रूप से स्वास्थ्य, शिक्षा, जल संसाधन, ग्रामीण अवसंरचना पर अधिक ध्यान देगी।
– स्वास्थ्य के लिए कुल सकल घरेलू उत्पाद का 2.0-2.5 फीसदी तक खर्च किया जाएगा, जबकि पिछली योजना में मात्र 1.3 फीसदी ही इस मद पर खर्च किया गया था।
– प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति को और भी अधिक उदार बनाया जाएगा जिससे मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को और भी बढ़ावा दिया जा सके।
– योजना के दौरान सरकारी योजनाओं पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा।
– अगले 5 वर्र्षों के दौरान मुद्रास्फीति की दर को 5-5.5 फीसदी के बीच रखने का प्रयास किया जाएगा।
– भूमिगत जल के लिए नई नीति का विकास किया जाएगा। राज्यस्तरीय जल नियामक प्राधिकरणों का गठन किया जाएगा।
– कृषि क्षेत्र में 4 फीसदी की वृद्धि दर का लक्ष्य। जबकि इसकी तुलना में 11वीं योजना के दौरान वृद्धि दर मात्र 3 फीसदी ही थी।
– योजना आयोग के अध्यक्ष अभिजीत सेन के अनुसार वर्ष 2009-10 में गरीबी की अनुमानित दर 32 फीसदी। विस्तृत अध्ययन के बाद इस अनुमान को योजना पैनल द्वारा समर्थित किया जाएगा।
इस योजना का एक अन्य महत्वाकांक्षी लक्ष्य देश के विनिर्माण क्षेत्र का विकास करके देश में रोजगार का अधिक से अधिक सृजन करना है जिससे कि देश की वैल्यू चेन ज्यादा से ज्यादा ऊपर जा सके।
12वीं पंचवर्षीय योजना:
मुख्य बिंदु
– 12वींपंचवर्षीय योजना के दौरान देश में 9.0-9.5 फीसदी आर्थिक वृद्धि दर का लक्ष्य रखा जाएगा।
– 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान 9.0 फीसदी आर्थिक वृद्धि दर का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन वास्तविक वृद्धि दर 8.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है।
– 100 फीसदी साक्षरता दर हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य।
– 12वींयोजना मुख्य रूप से स्वास्थ्य, शिक्षा, जल संसाधन, ग्रामीण अवसंरचना पर अधिक ध्यान देगी।
– स्वास्थ्य के लिए कुल सकल घरेलू उत्पाद का 2.0-2.5 फीसदी तक खर्च किया जाएगा, जबकि पिछली योजना में मात्र 1.3 फीसदी ही इस मद पर खर्च किया गया था।
– प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति को और भी अधिक उदार बनाया जाएगा जिससे मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को और भी बढ़ावा दिया जा सके।
– योजना के दौरान सरकारी योजनाओं पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा।
– अगले 5 वर्र्षों के दौरान मुद्रास्फीति की दर को 5-5.5 फीसदी के बीच रखने का प्रयास किया जाएगा।
– भूमिगत जल के लिए नई नीति का विकास किया जाएगा। राज्यस्तरीय जल नियामक प्राधिकरणों का गठन किया जाएगा।
– कृषि क्षेत्र में 4 फीसदी की वृद्धि दर का लक्ष्य। जबकि इसकी तुलना में 11वीं योजना के दौरान वृद्धि दर मात्र 3 फीसदी ही थी।
– योजना आयोग के अध्यक्ष अभिजीत सेन के अनुसार वर्ष 2009-10 में गरीबी की अनुमानित दर 32 फीसदी। विस्तृत अध्ययन के बाद इस अनुमान को योजना पैनल द्वारा समर्थित किया जाएगा।
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12 व्या पंचवार्षिक योजनेत (2012-2017) भारताच्या विकासासाठी काही प्रमुख ध्येये निश्चित केली गेली होती. त्यापैकी काही खालीलप्रमाणे आहेत:
- आर्थिक विकास:
- सरासरी 8% विकास दर साध्य करणे.
- कृषी क्षेत्रात 4% वाढ करणे.
- उत्पादन क्षेत्रात वाढ करणे.
- गरीबी आणि रोजगार:
- गरिबी कमी करणे.
- नवीन रोजगार संधी निर्माण करणे.
- शिक्षण आणि आरोग्य:
- शालेय शिक्षणात सुधारणा करणे.
- उच्च शिक्षणाचा विकास करणे.
- आरोग्य सेवा सुधारणे आणि त्या सर्वांसाठी उपलब्ध करणे.
- पायाभूत सुविधा:
- वीज, पाणी, रस्ते, आणि दूरसंचार यांसारख्या पायाभूत सुविधांचा विकास करणे.
- पर्यावरण:
- पर्यावरणाचे संरक्षण करणे आणि प्रदूषण कमी करणे.
- वनीकरण वाढवणे.
या योजनेत समाजातील सर्व स्तरांतील लोकांचा विकास साधण्याचा प्रयत्न करण्यात आला.
अधिक माहितीसाठी, आपण योजना आयोगाच्या वेबसाइटला भेट देऊ शकता: planningcommission.gov.in (ही वेबसाइट आता NITI Aayog मध्ये रूपांतरित झाली आहे).