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उद्गम की दृष्टीने हिंदी शब्द समूहाचे वर्गीकरण करा?
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◆शब्द समूह (Shabd Samuh) : प्रत्येक भाषा का अपना शब्द समूह होता है। इन शब्दों का प्रयोग भाषा के बोलने एवं लिखने में किया जाता है।
वर्ण विच्छेद (Varn Vichchhed) अर्थात शब्द के वर्णों को अलग-अलग करके लिखना ।
जैसे – पुस्तकालय – प् + उ + स् + त् + अ + क् + आ + ल् + अ + य् + अ
व्युत्पत्ति (Vyutpatti ) की दृष्टि से शब्दों के तीन भेद हैं
1. रूढ़ (Roon Shabd) - जिन शब्दों के खंडों का कोई अर्थ न हो, वे रूढ़ कहलाते हैं । जैसे – मेज़, कुर्सी, किताब, गाय, आदि । यदि इनके खंड किए जाएँ तो इन खंडों का कोई अर्थ नहीं होगा ।
2. यौगिक (Yaugik Shabd) - दो या दो से अधिक शब्दों शब्दांशों के योग से बने शब्द यौगिक कहलाते हैं । जैसे – वरमाला = वर + माला, दालरोटी = दाल + रोटी, विद्यालय = विद्या + आलय, सुपुत्र = सु + पुत्र ।
3. योगरूढ़ (YogRoon Shabd) - जो शब्द यौगिक होने पर भी किसी विशेष अर्थ को ही प्रकट करें ।
जैसे – नीरज = नीर + ज
नीर का अर्थ है जल और ज – उत्पन्न अर्थात जल में उत्पन्न । जल में अनेक चीजें उत्पन्न होती हैं, पर नीरज ‘कमल’ के अर्थ में प्रयुक्त होता है ।
◆उत्पत्ति (Utpatti) की दृष्टि से शब्द चार प्रकार के होते हैं
◆तत्सम शब्द (Tatsam Shabd)- हिंदी में जो शब्द संस्कृत से ज्यों के त्यों ग्रहण कर लिए गए हैं तथा जिनमें कोई ध्वनि परिवर्तन नहीं हुआ है, तत्सम शब्द कहलाते हैं। जैसे राजा, बालक, लता आदि।
◆तद्भव शब्द (Tadbhav Shabd) - तद्भव का शाब्दिक अर्थ है तत + भव अर्थात उससे उत्पन्न।
हिंदी में प्रयुक्त वह शब्दावली जो अनेक ध्वनि परिवर्तनों से गुज़रती हुई हिंदी में आई है, तद्भव शब्दावली है। जैसे आग, ऊँट, घोडा आदि।
उदाहरण:
संस्कृत शब्द तद्भव शब्द
अग्नि आग
उष्ट्र ऊँट
घोटक घोड़ा
◆देशज शब्द (Deshaj Shabd) - ध्वन्यात्मक अनुकरण पर गढ़े हुए वे शब्द जिनकी व्युत्पत्ति किसी तत्सम शब्द से नहीं होती, इस वर्ग में आते हैं। हिंदी में प्रयुक्त कुछ देशज शब्द भोंपू , तेंदुआ, थोथा आदि।
◆विदेशी शब्द (Videshi Shabd) - दूसरी भाषाओं से आये हुए शब्द विदेशी शब्द कहे जाते हैं। हिंदी में विदेशी शब्द दो प्रकार के हैं:
- मुस्लिम शासन के प्रभाव से आये हुए
- अरबी फारसी शब्द
- ब्रिटिश शासन के प्रभाव से आये हुए अंग्रेजी शब्द
हिंदी भाषा में लगभग 2500 अरबी शब्द, 3500 फारसी शब्द और 3000 अंग्रेजी शब्द प्रयुक्त हो रहे हैं।
उदाहरण:
अगर, पाजी, आदत, इनाम, नशा, अदा, तोप, तमगा, सराय, अफसर, कलेक्टर, कोट, मेयर, मादाम, पिकनिक, सूप आदि।
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येथे उद्गम (Etymology) दृष्टीने हिंदी शब्द समूहाचे वर्गीकरण दिलेले आहे:
उद्गम दृष्टीने हिंदी शब्द समूहाचे वर्गीकरण
1. तत्सम शब्द:
हे शब्द संस्कृत भाषेतून जसेच्या तसे हिंदीमध्ये आले आहेत. त्यांच्या स्वरूपात कोणताही बदल झालेला नाही.
- उदाहरण: अग्नि, जल, पृथ्वी, सूर्य, चंद्र, नक्षत्र, पुष्प, फल, वृक्ष, मनुष्य, राजा, माता, पिता, गुरु, शिष्य, विद्या, धर्म, कर्म, मोक्ष.
2. तद्भव शब्द:
हे शब्द संस्कृतमधून हिंदीमध्ये येताना त्यांच्या रूपात बदल झाला आहे. म्हणजे ते मूळ संस्कृत शब्दांचे रूपांतरित रूप आहेत.
- उदाहरण: आग (अग्नि), पाणी (पानी), धरती (पृथ्वी), सूरज (सूर्य), चाँद (चंद्र), फूल (पुष्प), फल (फल), रुख (वृक्ष).
3. देशज शब्द:
हे शब्द भारताच्या विविध प्रादेशिक भाषांमधून हिंदीमध्ये आले आहेत. त्यांचे मूळ संस्कृतमध्ये आढळत नाही.
- उदाहरण: लोटा, पगडी, थैला, खिड़की, जूता, झाड़ू.
4. विदेशी शब्द:
हे शब्द इतर विदेशी भाषांमधून हिंदीमध्ये आले आहेत. जसे की फारसी, अरबी, इंग्रजी, पोर्तुगीज, फ्रेंच इत्यादी.
- फारसी: गुलाब, दरबार, सौदागर, जमीन, बाग, बाजार, हफ्ता.
- अरबी: कायदा, किताब, गरीब, अमीर, औलाद, इज्जत, इनाम.
- इंग्रजी: डॉक्टर, स्टेशन, कॉलेज, स्कूल, पेन, पेंसिल, टेबल, চেয়ার.
- पोर्तुगीज: चाबी, बाल्टी, गमला, तिजोरी, इस्त्री.
- फ्रेंच: कर्फ्यू, कूपन, रेस्टोरेंट.
5. संकर शब्द:
जे शब्द दोन वेगवेगळ्या भाषांतील शब्द एकत्र येऊन बनलेले आहेत, त्यांना संकर शब्द म्हणतात.
- उदाहरण: रेलगाड़ी (रेल (इंग्रजी) + गाड़ी (हिंदी)), टिकटघर (टिकट (इंग्रजी) + घर (हिंदी)), Double रोटी (Double (इंग्रजी) + रोटी (हिंदी)).
हे वर्गीकरण हिंदी भाषेतील शब्दांचे मूळ आणि विकासाचे स्पष्ट चित्र देते.