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डिग्री, डिप्लोमा किंवा पदवीधर म्हणजे कुठपर्यंतचे शिक्षण? सविस्तर माहिती द्या.
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जानिए क्या होता है डिप्लोमा और डिग्री में अंतर
अक्सर स्टूडेंट्स इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि उन्हें कोई डिग्री कोर्स करना चाहिए या डिप्लोमा करना चाहिए। डिप्लोमा और डिग्री कोर्स में अंतर होता है। डिप्लोमा तथा डिग्री करने की समयावधि अलग-अलग होती है। डिग्री कोर्स 3 से 4 साल का होता है और डिप्लोमा कोर्स 1 से 2 साल का होता है। तो आइये जानते हैं कि डिग्री और डिप्लोमा में अंतर क्या होता है।
डिग्री और डिप्लोमा कोर्स का उद्देश्य भी अलग-अलग होता है। डिग्री कोर्स किसी भी विषय के बारे में विस्तार से ज्ञान देता है, डिग्री का पाठ्यक्रम इस तरह का होता है कि स्टूडेंट्स को रुचि वाले विषय का गहाराई से ज्ञान हो जाए। जिस विषय में छात्र को रुचि होती है जिसका वह गहन अध्ययन करना चाहता है उस विषय में डिग्री कोर्स कर सकता है। डिग्री कोर्स ही ज्यादातर जॉब्स के लिए मान्य होता है।
डिप्लोमा कोर्स में किसी विषय विशेष के बारे में कम समय में पढ़ाया जाता है डिप्लोमा में छात्र को किसी एक व्यवसाय या पेशे के बारे में जानकारी दी जाती है। डिप्लोमा के पाठ्यक्रम में व्यवसाय या पेशे से जुड़े विषय पर पढ़ाई पर कराई जाती है और ज्ञान ज्यादा दिया जाता है। डिप्लोमा में कुछ दिन जॉब वर्क या इंटर्नशिप भी कराई जाती है।
किसी विषय में मास्टर डिग्री, एम.फिल या पीएच.डी. करने के लिए स्नातक डिग्री की आवश्यता होती है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए डिग्री जरूरी है। जहां तक पेशेवर योग्यता की बात है तो डिग्री या डिप्लोमा से कोई खास फर्क नहीं पड़ता। देश के प्रतिष्ठित संस्थान भी अब डिप्लोमा कोर्स करवाने लगे हैं इस लिए इसे कम नहीं कहा जा सकता।
डिप्लोमा या डिग्री कोर्स में दाखिला लेने से पहले संस्थान की प्रतिष्ठा तथा मान्यता की जांच कर लेनी चाहिए। इसके साथ ही संस्थान की शिक्षा व शिक्षकों के स्तर व सुविधाओं के बारे में भी जानकारी जुटा लेनी चाहिए। जिस विषय में आपकी रुचि हो उसी विषय में डिग्री या डिप्लोंमा करना चाहिए।
अक्सर स्टूडेंट्स इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि उन्हें कोई डिग्री कोर्स करना चाहिए या डिप्लोमा करना चाहिए। डिप्लोमा और डिग्री कोर्स में अंतर होता है। डिप्लोमा तथा डिग्री करने की समयावधि अलग-अलग होती है। डिग्री कोर्स 3 से 4 साल का होता है और डिप्लोमा कोर्स 1 से 2 साल का होता है। तो आइये जानते हैं कि डिग्री और डिप्लोमा में अंतर क्या होता है।
डिग्री और डिप्लोमा कोर्स का उद्देश्य भी अलग-अलग होता है। डिग्री कोर्स किसी भी विषय के बारे में विस्तार से ज्ञान देता है, डिग्री का पाठ्यक्रम इस तरह का होता है कि स्टूडेंट्स को रुचि वाले विषय का गहाराई से ज्ञान हो जाए। जिस विषय में छात्र को रुचि होती है जिसका वह गहन अध्ययन करना चाहता है उस विषय में डिग्री कोर्स कर सकता है। डिग्री कोर्स ही ज्यादातर जॉब्स के लिए मान्य होता है।
डिप्लोमा कोर्स में किसी विषय विशेष के बारे में कम समय में पढ़ाया जाता है डिप्लोमा में छात्र को किसी एक व्यवसाय या पेशे के बारे में जानकारी दी जाती है। डिप्लोमा के पाठ्यक्रम में व्यवसाय या पेशे से जुड़े विषय पर पढ़ाई पर कराई जाती है और ज्ञान ज्यादा दिया जाता है। डिप्लोमा में कुछ दिन जॉब वर्क या इंटर्नशिप भी कराई जाती है।
किसी विषय में मास्टर डिग्री, एम.फिल या पीएच.डी. करने के लिए स्नातक डिग्री की आवश्यता होती है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए डिग्री जरूरी है। जहां तक पेशेवर योग्यता की बात है तो डिग्री या डिप्लोमा से कोई खास फर्क नहीं पड़ता। देश के प्रतिष्ठित संस्थान भी अब डिप्लोमा कोर्स करवाने लगे हैं इस लिए इसे कम नहीं कहा जा सकता।
डिप्लोमा या डिग्री कोर्स में दाखिला लेने से पहले संस्थान की प्रतिष्ठा तथा मान्यता की जांच कर लेनी चाहिए। इसके साथ ही संस्थान की शिक्षा व शिक्षकों के स्तर व सुविधाओं के बारे में भी जानकारी जुटा लेनी चाहिए। जिस विषय में आपकी रुचि हो उसी विषय में डिग्री या डिप्लोंमा करना चाहिए।
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डिग्री, डिप्लोमा आणि पदवीधर यांमध्ये शिक्षणाचे विविध स्तर आणि प्रकार आहेत. त्यांची माहिती खालीलप्रमाणे:
१. डिप्लोमा (Diploma):
- डिप्लोमा हा एक विशिष्ट क्षेत्रात कौशल्ये आणि ज्ञान प्राप्त करण्याचा अभ्यासक्रम आहे.
- हा अभ्यासक्रम साधारणपणे १ ते ३ वर्षांचा असतो.
- डिप्लोमामध्ये teoretyczne ज्ञानापेक्षा प्रात्यक्षिक (practical) ज्ञानावर अधिक भर दिला जातो.
- उदाहरण: इंजिनिअरिंग डिप्लोमा, मेडिकल डिप्लोमा, इत्यादी.
२. डिग्री (Degree):
- डिग्री म्हणजे पदवी. हा अभ्यासक्रम साधारणपणे ३ ते ४ वर्षांचा असतो.
- डिग्रीमध्ये कला, विज्ञान, वाणिज्य, अभियांत्रिकी, वैद्यकीय अशा विविध शाखांचा समावेश असतो.
- डिग्री पूर्ण केल्यावर, तुम्हाला त्या विशिष्ट क्षेत्रातील ज्ञान आणि कौशल्ये मिळतात.
- उदाहरण: बॅचलर ऑफ आर्ट्स (B.A.), बॅचलर ऑफ सायन्स (B.Sc.), बॅचलर ऑफ कॉमर्स (B.Com), बॅचलर ऑफ इंजिनिअरिंग (B.E.)
३. पदवीधर (Postgraduate):
- पदवीधर म्हणजे ज्यांनी पदवी (degree) प्राप्त केली आहे ते.
- पदवी प्राप्त केल्यानंतर, उच्च शिक्षण घेण्यासाठी पदव्युत्तर अभ्यासक्रम (Postgraduate courses) करता येतो.
- उदाहरण: मास्टर ऑफ आर्ट्स (M.A.), मास्टर ऑफ सायन्स (M.Sc.), मास्टर ऑफ कॉमर्स (M.Com)
शिक्षणाचे स्तर:
- प्राथमिक शिक्षण: शालेय शिक्षणाची सुरुवात.
- माध्यमिक शिक्षण: प्राथमिक शिक्षणानंतरचे शिक्षण.
- उच्च माध्यमिक शिक्षण: कॉलेज स्तरावरील शिक्षण (११वी आणि १२वी).
- पदवी शिक्षण: बॅचलर डिग्री (degree).
- पदव्युत्तर शिक्षण: मास्टर डिग्री (degree).
- पीएचडी (Ph.D.): डॉक्टरेट पदवी, शिक्षणातील सर्वोच्च पदवी.